मन तेरा मंदिर आँखें दिया बाती……man tera mandir aankhen diya bati

 
मन तेरा मंदिर आँखें दिया बाती
होठों की है थालियाँ बोल फूल बाती 
रोम रोम जीबा तेरा नाम पुकारती 
आरती हो मैया आरती 
ओ ज्योतान्वालिये माँ तेरी आरती 
हे महालाक्षा माँ गौरी 
तू अपनी आप पहचानी 
तेरी कीमत तू ही जाने 
तू बुरा भला पहचानी 
यह कहतें दिन और रातें 
तेरी लिखी न जाये बातें 
कोई मने या न मने 
हम भक्त तेरे दीवाने 
तेरे पांव साड़ी दुनिया पथारती 
मन तेरा मंदिर … ओ ज्योतान्वालिये माँ तेरी आरती 
हे गुनवंती सतवंती 
हे पत्वंती रसवंती 
मेरी सुनना यह विनंती 
मेरा चोला रंग बसंती 
हे दुःख भंजन सुख दाती 
हमे सुख देना दिन राती
जो तेरी महिमा गायें 
वो माँग मुरादें पाएं 
हर आंख तेरी और निहारती 
मन तेरा मंदिर … ओ ज्योतान्वालिये माँ तेरी आरती 
हे महा कल महा शक्ति 
हमे दे दे ऐसी भक्ति 
हे जग जननी महा माया 
है तू ही धुप और छाया 
तू अमर अजर अविनाशी 
तू अंमित पुरान्माशी 
सब कर के दूर अँधेरे 
हमे बक्शो नए सवेरे 
तू तो भक्तों की बिगड़ी संवारती 
मन तेरा मंदिर … ओ ज्योतान्वालिये माँ तेरी आरती 
ओ तेरे पांव सारी दुनिया पथारती 
ओ लतान्वालिये माँ तेरी आरती 
ओ हर आँख तेरी ओर निहारती 
ओ ज्योतान्वालिये माँ तेरी आरती 
ओ तू तो भक्तों की बिगड़ी संवारती 
ओ लतान्वालिये माँ तेरी आरती
 
 
 
 
          
      
 
  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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