Saturday, 17 November 2012

कबीर वाणी 1….. kabir vani1


मूँड़ मुड़ाये हरि मिले, सब कोई लेय मुड़ाय।
बार-बार  के  मूड़तेभेड़      बैकुण्ठ   जाय॥

कबीरदास जी कहते हैं कि सिर के बाल कटवाने से अगर भगवान्प्राप्त हो जाए तो सब कोई सिर के बाल कटवाकर भगवान्को प्राप्त कर ले। जिस तरह से भेड़ का पूरा शरीर कई बार मूड़ा जाता है तब भी वह बैकुण्ठ को नहीं प्राप्त कर सकता है।

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