Friday, 9 November 2012

गायत्री मंत्र...gayatri mantra



भूर्भुव स्वः 
तत् सवितुर्वरेण्यं 
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात

भावार्थ : उस सर्वरक्षक प्राणों से प्यारे, दु:खनाशक, सुखस्वरूप श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंतरात्मा में धारण करें... तथा वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करें...

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