Sunday 25 November 2012

मन तेरा मंदिर आँखें दिया बाती……man tera mandir aankhen diya bati


मन तेरा मंदिर आँखें दिया बाती
होठों की है थालियाँ बोल फूल बाती
रोम रोम जीबा तेरा नाम पुकारती
आरती हो मैया आरती
ज्योतान्वालिये माँ तेरी आरती

हे महालाक्षा माँ गौरी
तू अपनी आप पहचानी
तेरी कीमत तू ही जाने
तू बुरा भला पहचानी
यह कहतें दिन और रातें
तेरी लिखी जाये बातें
कोई मने या मने
हम भक्त तेरे दीवाने
तेरे पांव साड़ी दुनिया पथारती
मन तेरा मंदिर ज्योतान्वालिये माँ तेरी आरती

हे गुनवंती सतवंती
हे पत्वंती रसवंती
मेरी सुनना यह विनंती
मेरा चोला रंग बसंती
हे दुःख भंजन सुख दाती
हमे सुख देना दिन राती
जो तेरी महिमा गायें
वो माँग मुरादें पाएं
हर आंख तेरी और निहारती
मन तेरा मंदिर ज्योतान्वालिये माँ तेरी आरती

हे महा कल महा शक्ति
हमे दे दे ऐसी भक्ति
हे जग जननी महा माया
है तू ही धुप और छाया
तू अमर अजर अविनाशी
तू अंमित पुरान्माशी
सब कर के दूर अँधेरे
हमे बक्शो नए सवेरे
तू तो भक्तों की बिगड़ी संवारती
मन तेरा मंदिर ज्योतान्वालिये माँ तेरी आरती

तेरे पांव सारी दुनिया पथारती
लतान्वालिये माँ तेरी आरती
हर आँख तेरी ओर निहारती
ज्योतान्वालिये माँ तेरी आरती
तू तो भक्तों की बिगड़ी संवारती
लतान्वालिये माँ तेरी आरती

No comments:

Post a Comment