बजरंग बली
मेरी नाव चली, जरा बल्ली कृपा की लगा देना,
मुझे रोग ने शोक ने घेर लिया, मेरे पाप को नाथ मिटा देना ।। टेर।।
मुझे रोग ने शोक ने घेर लिया, मेरे पाप को नाथ मिटा देना ।। टेर।।
मै दास तो आपका जन्म से हूँ, बालक और शिष्य भी धर्म से हूँ ,
बेशर्म विमुख निज कर्म से हूँ, चित्त से मेरा दोष भुला देना ।। बजरंग।।
बेशर्म विमुख निज कर्म से हूँ, चित्त से मेरा दोष भुला देना ।। बजरंग।।
दुर्बल हूँ गरीब हूँ ,दीन हूँ मैं, निज कर्म क्रियागत क्षीण हूँ मैं,
बलवीर तेरे अधीन हूँ मैं, मेरी बिगडी को नाथ बना देना ।। बजरंग ।।
बलवीर तेरे अधीन हूँ मैं, मेरी बिगडी को नाथ बना देना ।। बजरंग ।।
बल दे के मुझे निर्भय कर दो, यश शक्ति मेरी अक्षय कर दो,
मेरे जीवन को सुखमय कर दो, संजीवन लाय पिला देना ।। बजरंग ।।
मेरे जीवन को सुखमय कर दो, संजीवन लाय पिला देना ।। बजरंग ।।
करुणानिधि आपका नाम भी है, शरणागत राधेश्याम भी है,
इसके अतिरिक्त यह काम भी है, सिया राम से मोहे मिला देना ।। बजरंग ।।
इसके अतिरिक्त यह काम भी है, सिया राम से मोहे मिला देना ।। बजरंग ।।
हनुमान चालीसा
ReplyDeleteहनुमान चालीसा का अर्थ
हनुमान जी की आरती