सीताराम
सीताराम
सीताराम
कहिये
जाहि विधि रखे राम ताहि विधि रहिये “टेर ”
मुख में हो राम नाम , राम सेवा हाथ में |
तू अकेला नहीं प्यारे , राम तेरे साथ में
विधि का विधान जान हानि लाभ सहिये ,
जाहि विधि रखे राम त्याही विधि रहिये ||1||
किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा
होगा प्यार वही जो श्री राम जी को भायेगा
फल की आशा त्याग , सुभ काम करते रहिये
जाहि विधि रखे राम ताहि विधि रहिये ||2||
जिंदगी की डोर सोप , हाथ दिन नाथ के
महलो में राखे चाहे झोपड़ी में वास दे
धन्यवाद
निर्विवाद
राम राम कहिये
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये ||3||
आशा एक राम जी से , दूजी आशा छोड़ दे ,
नाता एक रामजी से दूजा नाता तोड़ दे
साधू संग राम रंग , अंग अंग रंगिये
काम रस त्याग प्यारे राम रस पागिये ||
मुख में हो राम नाम , राम सेवा हाथ में |
सीता राम सीता राम सीता राम कहिये
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